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शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोग कैसे होते हैं और क्या हैं इनके सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष

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ब्रह्मांड में उपस्थित 27 नक्षत्रों में से 24 वें स्थान पर शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) आता है। इस नक्षत्र का स्वामी राहु ग्रह है और इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की राशि कुंभ होती है, जिसका स्वामी शनि ग्रह है। इस प्रकार इन जातकों पर जीवन पर्यंत शनि ग्रह एवं राहु ग्रह का प्रभाव रहता है। इस नक्षत्र का वृक्ष ‘कदंब का पेड़’ है। आइए जानते हैं कैसे होते हैं शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोग

शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोगों का व्यक्तित्व एवं स्वभाव

शतभिषा नक्षत्र में पैदा हुए लोग काफी स्पष्टवादी एवं सिद्धांतवादी होते हैं। अपने सिद्धांतों पर टिके रहने और जिद्दी स्वभाव होने के कारण इनका अन्य लोगों से टकराव होता रहता है। इन्हें किसी के साथ साझेदारी रास नहीं आती और ये अपना काम स्वयं ही करना पसंद करते हैं। स्वभाव के थोड़े कठोर एवं अड़ियल होने के कारण इनके अधिक मित्र नहीं होते। हालांकि इनकी बात मान ली जाए तो ये विनम्रता से पेश आते हैं। यदि इनकी कुंडली में राहु एवं शनि ग्रह की स्थिति ठीक है तो इनका स्वभाव सरल एवं मधुर होता है। ये नि:स्वार्थ होते हैं और समाज एवं परिवार में इनकी छवि अच्छी बनी रहती है। ये काफी धार्मिक भी हो सकते हैं, साथ ही पूजा-पाठ में इनकी गहरी रुचि होती है। ये राजनीति के सभी दांव पेच जानते हैं और अपना कार्य निकालने में माहिर होते हैं। अधिक शारीरिक श्रम इन्हें पसंद नहीं, जिससे ये अपनी बुद्धि से ही कार्य करना पसंद करते हैं। इनके इरादे हमेशा बुलंद रहते हैं और किसी भी कार्य को करने से ये मना नहीं करते। दिखने में ये ठीक-ठाक होते हैं और अपनी स्पष्टवादिता के कारण लोग इनकी ओर आकर्षित भी होते हैं।

शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोगों की शिक्षा व कॅरियर

शतभिषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को हर विषय में दिलचस्पी होती है। राहु एवं शनि के शुभ प्रभाव से ये लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। मनोविज्ञान एवं चिकित्सा के क्षेत्र में इन्हें देश-विदेश में ख्याति प्राप्त होती है। इसके अलावा ये अच्छे कलाकार, नेता एवं वैज्ञानिक भी हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में भी इन्हें गहरी दिलचस्पी होती है और ये इसमें अपना कॅरियर बनाना पसंद करते हैं। ये अच्छे व्यापारी, अभिनेता, ज्योतिषी, शिक्षक, लेखक हो सकते हैं। शेयर बाजार से भी ये अच्छा पैसा कमाते हैं तथा स्वयं का व्यापार करके ये अपना कॅरियर बनाते हैं। यदि इनकी कुंडली में राहु ग्रह पीड़ित है तो ये गैरकानूनी कार्यो में उलझ जाते हैं और शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक एवं वैवाहिक जीवन

शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोग अपने माता-पिता से अत्यंत प्रेम रखते हैं। इन्हें अपने माता-पिता से लाभ प्राप्त होता है, परंतु अपने भाइयों से इनका जीवन पर्यंत मनमुटाव रह सकता है। इनके मित्र एवं प्रियजनों से इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इनका जीवनसाथी इनके लिए काफी सौभाग्यशाली होता है। अपने जीवनसाथी के प्रति इनकी अटूट प्रेम भावना होती है और उसके साथ मिलकर ये अपने जीवन की सभी समस्याओं का हल निकाल लेते हैं। व्यापार और शिक्षा के चलते इन्हें अपने परिवार से दूर भी रहना पड़ सकता है परंतु ये तालमेल बिठाना जानते हैं। कई बार इनका क्रोध इनके पारिवारिक जीवन को तहस-नहस कर देता है। इससे ये जीवन पर्यंत कठिनाई झेलते हैं।

शतभिषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की जीवन शैली

शतभिषा नक्षत्र में पैदा हुए लोग कई माध्यमों से धन अर्जित करते हैं। राहु एवं शनि के अच्छे प्रभाव के कारण इन्हें सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होते हैं तथा ये अपने और अपने परिवार को अच्छा जीवन प्रदान करते हैं। लेकिन यदि राहु एवं शनि ग्रह दोष युक्त हैं, तो इन्हें जीवन में अत्यंत कठिनाइयां भोगनी पड़ती हैं। ये गलत कार्य से धनोपार्जन करते हैं। जिससे इन्हें हानि उठानी पड़ती है और इनका जीवन स्तर गिर जाता है। ये जीवन पर्यंत धन संचय नहीं कर पाते और अपना जीवन सामान्य से भी निम्न स्तर पर जीते हैं।

शतभिषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के नकारात्मक पक्ष

शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोगों पर राहु ग्रह का अत्यंत प्रभाव रहता है। यदि राहु ग्रह दोष युक्त है तो इनका जीवन नरक के समान व्यतीत होता है। ये अकारण ही जादू-टोने एवं तांत्रिक विद्या की ओर झुकाव ले लेते हैं, जिससे ये अपने जीवन को खराब कर लेते हैं। ये गैर-कानूनी कार्यों से जुड़कर जेल की हवा भी खाते हैं तथा कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते रहते हैं। इन्हें जुए-सट्टे, नशा आदि व्यसनों की लत लग जाती है तथा इनकी सामाजिक छवि धूमिल हो जाती है। क्रोध एवं धूर्त स्वभाव हो जाने के कारण ये अपने मित्रों एवं परिवार का भरोसा खो सकते हैं।

शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोगों को बरतने वाली सावधानियां एवं उपाय

शतभिषा नक्षत्र (shatabhisha nakshatra) में पैदा हुए लोगों को अपनी कुंडली में राहु एवं शनि ग्रह के दोषों का निवारण अवश्य ही कराना चाहिए। इन्हें शनिवार के दिन व्रत रखकर शनि देवता की आराधना करनी चाहिए तथा गरीबों को दान देना चाहिए। श्री हनुमान की उपासना करना भी इनके लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इन लोगों को अधिक से अधिक ‘कदंब के पेड़’ लगाने चाहिए।

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