ब्रह्मांड में उपस्थित कुल 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु नक्षत्र (punarvasu nakshatra) 7वें स्थान पर आता है। पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इस नक्षत्र के चार चरणों में से पहले तीन चरणों में जन्म लेने वाले जातकों की राशि मिथुन होती है जिसका स्वामी बुध होता है। जबकि चौथे चरण में जन्म लेने वाले जातक की राशि कर्क एवं राशि स्वामी चंद्रमा होता है। इस प्रकार पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर गुरु बुध और चंद्र ग्रह का प्रभाव रहता है। आइए जानते हैं पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की कुछ विशेषताएं।
कैसा होता है व्यक्तित्व पुनर्वसु नक्षत्र (punarvasu nakshatra) में पैदा हुए लोगों का
पुनर्वसु नक्षत्र (punarvasu nakshatra) में पैदा होने वाले लोगों का व्यक्तित्व काफी अच्छा होता है। ये शांत, उदार, न्यायप्रिय व दानी होते हैं। ये शारीरिक रूप से मजबूत, लंबे एवं सुंदर दिखने वाले होते हैं। इनका व्यवहार सभी को बहुत प्रभावित करता है और अपने प्रभाव से ये समाज में अपने नाम प्रतिष्ठा बना लेते हैं। ये काफी धार्मिक होते हैं और इनमें नेतृत्व करने की क्षमता भी होती है।
पुनर्वसु नक्षत्र (punarvasu nakshatra) में पैदा हुए लोगों की शिक्षा एवं कॅरियर
पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु होने के कारण इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा में काफी रूचि होती है। यह उच्च शिक्षा के लिए विदेश यात्रा करते हैं और किसी विशेष विषय में गहन शोध करके ख्याति प्राप्त करते हैं। इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग चिकित्सक, शिक्षक, लेखक, ज्योतिष, धर्म गुरु आदि के रूप में सम्मान प्राप्त करते हैं। इनकी व्यापार में भी रूचि होती है जिससे यह स्वयं का व्यापार शुरू करके अच्छा जीवन यापन करते हैं। कर्क राशि में यदि इनकी कुंडली में गुरु हो, तो ये बड़े अधिकारी बनते हैं।
पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की जीवन शैली
पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए लोगो की जीवन शैली अच्छी ही रहती है। ये विभिन्न क्षेत्र में पैसा कमाते है। इन्हें सभी भौतिक सुख जैसे वाहन, भवन इत्यादि प्राप्त होते हैं। ये ठीक ठाक जिंदगी जीते हैं। हालांकि यदि कुंडली में गुरु या बुध में से कोई एक खराब हो, तो कई बार नौकरी या व्यवसाय में उतनी सफलता नहीं मिल पाती है, जितनी इन्हें आशा रहती है।
पुनर्वसु नक्षत्र (punarvasu nakshatra) में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक एवं वैवाहिक जीवन
पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए लोग अपने परिवार से तालमेल बिठाकर चलने वाले होते हैं। ये माता-पिता के हितकारी एवं अपने से बड़ों का सम्मान करने वाले होते हैं। ये परिवार की जिम्मेदारी उठाते हैं एवं सभी का ख्याल रखते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का वैवाहिक जीवन थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। अपने जीवनसाथी के साथ इनका मनमुटाव होता है। इनके जीवनसाथी को मानसिक एवं शारीरिक कष्ट उठाना पड़ता है। लेकिन अपने अच्छे व्यवहार के कारण ये अपने वैवाहिक जीवन को संतुलित करने में भी सक्षम होते हैं।
पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का नकारात्मक पक्ष
पुनर्वसु नक्षत्र (punarvasu nakshatra) में पैदा हुए लोग बहुत धार्मिक होते हैं लेकिन कई बार इन पर कट्टरपंथ हावी हो जाता है। जिससे इन्हें कई बार परेशानियां उठानी पड़ती है। यदि इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की कुंडली में गुरु, बुध या चंद्रमा की स्थिति ठीक नहीं है तो इन्हें वैवाहिक जीवन में समस्याएं आती हैं। साथ ही ये गृहकलेश, नशे की लत, गरीबी इत्यादि समस्याओं से जीवन पर्यंत जूझता रहता है।