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पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra) में पैदा हुए लोग कैसे होते हैं, क्या है इनके सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष

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कुल 27 नक्षत्रों में से आठवें स्थान पर आता है पुष्य नक्षत्र। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और देवता गुरु ग्रह हैं। इस नक्षत्र के चारों चरणों में जन्म लेने वाले जातकों की राशि कर्क होती है जिसका स्वामी चंद्रमा है। इस प्रकार पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों पर शनि, गुरु और चंद्रमा का प्रभाव पड़ता है। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सबसे अधिक शुभ माना गया है। आइए जानते हैं पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra) में पैदा हुए लोगों की कुछ विशेषताएं।

कैसा होता है व्यक्तित्व, पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra) में पैदा हुए लोगों का

पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra) में पैदा हुए लोगों को सर्वगुण संपन्न माना जाता है। पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोग सहनशील, उदार, ईमानदार और बड़े ही भाग्यशाली होते हैं। इनकी कद काठी सामान्य, दिखने में सुंदर एवं चरित्रवान होते हैं। कर्क राशि में जन्म लेने के कारण एवं चंद्रमा का प्रभाव होने के कारण इनका मन थोड़ा चंचल होता है। विपरीत लिंग के व्यक्तियों के प्रति इन्हें विशेष लगा होता है। धर्म-कर्म में इनकी दिलचस्पी काफी होती है एवं आध्यात्मिक कार्यों में गहरी रुचि लेते हैं। ऐसा माना जाता हैं कि बचपन से ही इन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है परंतु यही संघर्ष उनके आने वाले जीवन को संपन्न एवं खुशहाल बनाता है जिससे ये जीवन पर्यंत आनंदित रहते हैं।

पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra) में पैदा हुए लोगों की शिक्षा व कॅरियर

पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोग लोगों की शिक्षा व कॅरियर काफी अच्छा रहता है। ये लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। पुष्य नक्षत्र के देवता गुरु होने के कारण शिक्षा में इनकी विशेष दिलचस्पी होती है और ये आध्यात्म, योग या शोध के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। ये धार्मिक व राजनीति क्षेत्रों में भी दिलचस्पी रखते हैं और अपना कैरियर बनाते हैं। साथ ही थियेटर, कला और वाणिज्य व्यवसाय भी इनके लिए शुभ होता है। शनि के प्रभाव के कारण ये लोग सेवा से जुड़े कार्यों में भी काफी रूचि लेते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं।

पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की जीवन शैली

पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को सबसे ज्यादा भाग्यशाली माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोगों के पास जीवनपर्यंत धन की कमी नहीं रहती। यदि गुरुदेव बृहस्पति और शनि के शुभ परिणाम इन्हें प्राप्त हो तो ये बहुत ही संपन्न जीवन व्यतीत करते हैं। ये लोग न केवल स्वयं या स्वयं के परिवार को एक अच्छा जीवन दे पाते हैं बल्कि दूसरे लोगों को भी रोजगार देते हैं। ये शेयर मार्केट, मनोरंजन व्यापार, पशुपालन व डेयरी से संबंधित कार्य करके अच्छा धन कमाते हैं। इनके पास जमीन जायदाद भी काफी होती है और देश विदेश तक भी अपनी संपत्ति फैलाते हैं। परंतु कुंडली में शनि, गुरु और चंद्र ग्रहों की खराब स्थिति से इन्हें व्यापार में हानि या देरी से सफलता मिल सकती है और ये एक साधारण जिंदगी ही जीते हैं।

पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra) में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक एवं वैवाहिक जीवन

पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोग बहुत ही भावुक होते हैं। इनकी भावुकता के कारण ये सभी से अच्छे संबंध अच्छे बना कर चलते हैं। अपने परिवार से इनका विशेष लगाव होता है और किसी भी स्थिति में यह अपने परिवार को त्यागना नहीं चाहते। परंतु जीवन का कुछ समय ये परिवार से दूर ही बिताते हैं क्योंकि जीवन यापन के लिए इन्हें घर से दूर भी जाना पड़ता है। दूर रहकर भी अपने परिवार का पूरा ध्यान रखते हैं। अपने माता-पिता से इन्हें विशेष लगाव होता है और जीवन पर्यंत उनकी सेवा करते हैं। परिवार से दूर रहने के कारण इन्हें अपने जीवनसाथी से भी दूर रहना पड़ता है। इसलिए इनका वैवाहिक जीवन कभी-कभी कुछ समस्याग्रस्त हो सकता है। परंतु इनका जीवनसाथी इनकी अनुपस्थिति में परिवार का पूरा ध्यान रखता है तथा इनके प्रति पूरी तरह समर्पित रहता है। इनके प्रेम प्रसंग भी काफी स्थिर होते हैं। ये जब किसी को प्रेम करते हैं तो उससे ईमानदार रहते हैं तथा उसी से ही विवाह करते हैं।

पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए व्यक्तियों का नकारात्मक पक्ष

वैसे भी पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को बचपन में कठिन मेहनत व संघर्ष करना पड़ सकता है। इन्हें सफलता थोड़ी देर से मिल सकती है। परंतु यदि इनकी कुंडली में गुरु, शनि या चंद्रमा की स्थिति खराब है तो इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हें व्यापार में हानि, आर्थिक नुकसान और मानसिक पीड़ा उठानी पड़ सकती है। ये कई तरह के व्यसनों के आदी हो जाते हैं और जीवनपर्यंत कष्ट भोगते हैं। पारिवारिक मतभेद, दांपत्य जीवन की समस्याएं इत्यादि इन्हें पीड़ा देती रहती है। परंतु अधिकतर यही देखा गया है कि पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का सकारात्मक पक्ष नकारात्मक पक्ष की तुलना में अधिक मजबूत होता है।

पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra) में पैदा हुए लोगों को रखने वाली सावधानियां

नक्षत्रों के राजा पुष्य नक्षत्र को वैसे तो सबसे शुभ माना गया ही है। परंतु फिर भी इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को अपनी कुंडली में गुरु एवं शनि की स्थिति देख लेनी चाहिए और इसके दोषों का निवारण करना चाहिए।
पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ एवं पवित्र माना गया है इसलिए इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोगों को कभी भी गलत कार्य नहीं करना चाहिए। कभी भी रिश्वत नहीं लेनी चाहिए।
पुष्य नक्षत्र (pushya naskhatra) में पैदा होने वाले लोग धार्मिक होते हैं तथा सदैव धार्मिक कार्य करते हैं इसलिए ईश्वर से जुड़े रहना इनके लिए इन्हें सदैव अच्छा रहता है।

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