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रामनवमी 2022 को मनोकामना पूर्ति के लिए करें राम की पूजा

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देश के सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक है राम नवमी। हिंदू महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी महापर्व मनाया जाता है। साल 2022 में रामनवमी 10 अप्रैल 2022 को मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के घर राम के रूप में जन्म लिया था। देश में राम उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हमें राम भगवान की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए पूरे परिवार के साथ रामनवमी उत्सव मनाना चाहिए। माना यह भी जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की शुरुआत भी इसी दिन से की थी।

रामनवमी कब है और रामनवमी पूजा मुहूर्त

साल 2022 में रामनवमी उत्सव 10 अप्रैल 2022 को मनाया जाएगा।
रामनवमी पूजा मुहूर्त – 11:26 से 13:57 PM
अवधि – 2 घंटे 34 मिनट
राम नवमी पर विशेष अतिथि मुहूर्त – 12:41 PM
नवमी तिथि का प्रारंभ – 09 अप्रेल 2021 को 12:43 AM
नवमी तिथि का समापन – 10 अप्रेल 2021 रात 1:35 AM

भगवान राम की पौराणिक कथा

मान्यताओं के अनुसार भगवान राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। वे अयोध्या के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे। भगवान राम की माता का नाम कौशल्या था। भगवान राम के तीन और छोटे भाई थे। इनके नाम भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न थे। भरत राजा दशरथ की दूसरी पत्नी कैकयी के पुत्र थे। वहीं लक्ष्मण और शत्रुघ्न राजा दशरथ की तीसरी पत्नी सुमित्रा के पुत्र थे। भगवान राम का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र में कर्क लग्न में हुआ था। उनके गुरु वशिष्ठ, वाल्मिकी और विश्वामित्र रहे हैं। भगवान राम का विवाह माता जानकी से हुआ था, जो राजा जनक की पुत्री थी। जब राम का राज्याभिषेक होने वाला था, तब कैकयी की बात मानकर राजा दशरथ ने उन्हें 14 वर्ष के लिए वनवास पर भेज दिया था। यहां राक्षसों के राजा रावण ने छल से माता जानकी का हरण कर लिया था। वनवास में सीता को ढूंढते हुए ही राम की मुलाकात उनके प्रसिद्ध भक्त हनुमान से हुई। हनुमान के कारण वे सुग्रीव से जुड़े, जो वानरों के राजा थे। वानरों की मदद से राम ने सीता को खोजा और रावण से युद्धकर उसे मार गिराया। वे 14 वर्ष बाद अयोध्या लौट लाएं और फिर अयोध्या के राजा बने।

ऐसे मनाएं रामनवमी

भगवान राम के जन्मदिन को बहुत उत्साह से मनाना चाहिए। इस दिन की शुरुआत सूर्य देव की आराधना से की जाती है। दिन में 12 बजे भगवान राम की पूरे दरबार के साथ आरती की जाना चाहिए। दिनभर राम के विशेष मंत्रों का जाप करना भी बेहद लाभदायक रहता है। यदि संभव हो, तो इस दिन राम चालीसा या रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए। कई लोग इस रामचरित मानास का पाठ चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से करते हैं और राम नवमी पर इसका समापन करते हैं। राम नवमी के दिन फलाहार करने का भी विधान है। कई जगहों पर चैत्र में भी राम नवमी के बाद दशहरा मनाने का रिवाज है।

भगवान राम के विशेष मंत्र

राम नवमी के दिन भगवान राम के विशेष मंत्रों का जाप करने श्रेष्ठता देता है। जीवन में किसी भी परेशानी का अंत भगवान राम के विशेष मंत्रों से किया जा सकता है।
– श्री राम, जय राम, जय-जय राम (इसे तारक मंत्र भी कहा जाता है। भगवान राम का यह सबसे सरल मंत्र है। किसी भी लक्ष्य प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप किया जा सकता है।)
– श्री रामाय नम: – किसी भी कार्य में सफलता के लिए श्री रामाय नम: मंत्र का जाप अच्छा रहता है।
– राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।। (सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए राम के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।)

रामरक्षा स्तोत्र विशेष चमत्कारी

राम रक्षा स्तोत्र बहुत ही चमत्कारी स्तोत्र है। भगवान शिव की आज्ञा से इसे बुधकौशिक ऋषि ने रचा था। यह स्तोत्र संस्कृत भाषा में है। सर्वकार्य सिद्धि के लिए श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करना ही चाहिए। इस स्तोत्र के पाठ से लोग दीर्घायु, सुखी, विजयी होते हैं। माना जाता कि रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भगवान हनुमानजी की भी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।

भगवान राम के संदेश –

भगवान राम का पूरा जीवन ही एक विशेष संदेश है। भगवान होने के बावजूद उन्होंने कोई काम किसी मर्यादा के बाहर नहीं किया। उन्होंने हमेशा गुरुजनों और माता-पिता की आज्ञा का पालन किया। एक पत्नी व्रत रखा और माता सीता को पूर्ण प्रेम किया। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम इसीलिए कहा जाता है। उन्होंने जिसे अपना माना, सदैव उससे मित्रता निभाई। मित्र, भाई, पुत्र, पति, स्वामी या राजा किसी भी रूप में उन्होंने अपने अधीनस्थों और बड़ों को अगाध प्रेम किया। उनका पूरा जीवन एक संदेश हैं, जिसके किसी भी एक आदर्श पर चलकर जीवन को सफल बनाया जा सकता है। रामनवमी 2022 पर हमें भगवान राम के विशेष गुणों को आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए।

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