ब्रह्मांड में उपस्थित कुल 27 नक्षत्रों में से 21 वें स्थान पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (uttara ashadha nakshatra) आता है। इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य ग्रह है। इस नक्षत्र के प्रथम चरण में पैदा होने वाले लोगो की राशि धनु होती है, जिसका स्वामी गुरु ग्रह है। इसके बाकी के 3 चरणों में पैदा होने वाले लोगों की राशि मकर होती है जिसका स्वामी शनि ग्रह है। इस प्रकार इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर जीवन पर्यंत सूर्य ग्रह, गुरु ग्रह एवं शनि ग्रह का प्रभाव देखने को मिलता है। सभी नक्षत्रों के वृक्ष होते हैं। उसी प्रकार उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष कटहल का पेड़ है। आइए जानते हैं कैसे होते हैं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (uttara ashadhaashadha nakshatra) में पैदा हुए लोग।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (uttara ashadhaashadha nakshatra) में पैदा हुए लोगों का व्यक्तित्व एवं स्वभाव
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोग काफी संस्कारी और सौम्य प्रवृत्ति के होते हैं। ये शांत मन के होते हैं तथा इन्हें दिखावे का शौक नहीं होता। शांत स्वभाव एवं मधुर वाणी होने के कारण समाज में सभी लोग इन्हें पसंद करते हैं और इनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं। इनकी स्पष्टवादिता एवं ईमानदारी इनकी छवि को और अधिक निखार देती है, जिससे इनके कार्य क्षेत्र एवं समाज में इनका दायरा बहुत बढ़ जाता है। ये कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी नहीं करते हैं, बल्कि सलाह मशवरा लेकर ही निर्णय करते हैं जिससे इन्हें अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। कई बार इनकी अच्छाई और ईमानदारी का लोग फायदा भी उठा लेते हैं जिससे ये बेवजह मुसीबत में पड़ जाते है। ये काफी आध्यात्मिक होते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं साथ ही ये ज्यादा मोह माया में नहीं फंसते।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा और कॅरियर
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोग शिक्षा और कॅरियर में हमेशा अव्वल ही रहते हैं। ये उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं एवं अनेक विषयों में शोध करके देश विदेश में भ्रमण करते हैं। विज्ञान, कला, वाणिज्य आदि विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ ये आध्यात्म और ज्योतिष में भी रुचि रखते हैं। सरकारी नौकरी के अलावा ये व्यापार में भी खूब तरक्की करते हैं। ये अच्छे वक्ता, कथावाचक, ज्योतिष, न्यायाधीश, वकील, राजनेता, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक, बैंकर इत्यादि बनते हैं। साथ ही पशुपालन और आयात-निर्यात से संबंधित व्यापार इन्हें खूब भाता है। लेकिन व्यापार में साझेदारी करने से पहले इन्हें अपने पार्टनर की अच्छे से जांच परख कर लेनी चाहिए।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (uttara ashadha nakshatra) में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक व वैवाहिक जीवन
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोग शांत एवं भावुक प्रवृत्ति के होते हैं और अपने परिवार से ये बहुत ही ज्यादा लगाव रखते हैं। ये हमेशा अपने परिवार के आसपास ही रहना चाहते हैं। यदि नौकरी एवं व्यवसाय के चलते इन्हें परिवार से दूर भी जाना पड़े, तो भी ये समय निकालकर परिवार से मिलने का मौका बना ही लेते हैं। ये हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करते हैं एवं अपने परिवार के हितकारी होते हैं। इनका वैवाहिक जीवन भी सुखमय ही बीतता है। परंतु इन्हें अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता हमेशा रह सकती है। इनका जीवनसाथी भी इन्ही की तरह शांत एवं मिलनसार होता है, जिससे ये दोनों एक दूसरे का सम्मान करते हैं एवं आपसी संबंध हमेशा मधुर रहते हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि इनका जीवनसाथी चालाक प्रवृत्ति का हो सकता है जिससे इन्हें थोड़ी परेशानी भी उठानी पड़ सकती है। संतान पक्ष की बात की जाए तो इनकी संतान इनका सम्मान करती है परंतु कई बार संतान से इनके मनमुटाव भी देखे जा सकते हैं।
उत्तराषाढ़ (uttara ashadha) नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की जीवन शैली
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के जीवन पर जीवनपर्यंत सूर्य, गुरु एवं शनि ग्रह का प्रभाव रहता है। इनके सौम्य व्यवहार और ईमानदारी के चलते ये जीवन में अच्छी तरक्की करते हैं तथा अपने परिवार को एक अच्छा जीवन देते हैं। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोग सभी भौतिक सुख प्राप्त करते हैं। इनके पास भूमि, वाहन, भवन आदि सभी सुख होते हैं। इनकी एक खास बात ये है कि ये मोह माया से दूर रहते हैं, जिसके चलते यदि ये जीवन में थोड़ा कम भी प्राप्त करें तो भी संतुलित जीवन व्यतीत कर लेते हैं। यदि ग्रहों की स्थिति अनुकूल हो तो ये जीवन में काफी नाम कमाते हैं तथा एक शाही जिंदगी जीते हैं। मकर राशि होने के कारण ये लोग मेहनती भी होते हैं।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का नकारात्मक पक्ष
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की कुंडली में यदि सूर्य, शनि और गुरु ग्रह की स्थिति खराब हो तो इन्हें काफी कठिनाई झेलनी पड़ सकती हैं। तीनों ही ग्रह काफी प्रभावशाली होते हैं। जब ये ग्रह देते हैं, तो छप्पर फाड़ के देते हैं परंतु यदि ये दोष युक्त हों तो जीवन को नरक के समान कठोर बना देते हैं। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का जरूरत से ज्यादा शांत, ईमानदार होना बहुत नुकसानदायक हो सकता है। ये स्वार्थी लोगों के चंगुल में फंसकर बहुत हानि उठा सकते हैं। साझेदारी भी इनके लिए ज्यादा नहीं फलती और कई बार संतान पक्ष से भी इन्हें हानि उठानी पड़ती है।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (uttara ashadha) में पैदा हुए लोगों को बरतने वाली सावधानियां एवं उपाय
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को जल्दी ही किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए। साथ ही जरूरत से ज्यादा ईमानदारी भी नहीं दिखानी चाहिए। व्यापार में साझेदारी इन्हें सोच समझकर करनी चाहिए। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष कटहल का पेड़ है। इसलिए इन लोगों को कटहल के वृक्ष के समक्ष जाकर हाथ जोड़कर सूर्य देवता से प्रार्थना करनी चाहिए तथा अपनी कुंडली में उपस्थित सूर्य, गुरु एवं शनि के दोषों का निवारण कराना चाहिए।