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Rang Panchami 2022: होली के बाद मनाया जाता है रंगपंचमी, यहां जानें इसका महत्व और पूजा विधि

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रंग पंचमी (rang panchami) हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे होली के 5 दिन बाद मनाया जाता है। रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी की पूजा का विधान है। होली की ही तरह इस दिन भी एक दूसरे के साथ रंग खेला जाता है। इसे देवपंचमी भी कहते हैं क्योंकि इस दिन देवतागण भी रंगोत्सव मनाते हैं। वृंदावन और मथुरा में इस त्योहार को होली के समापन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवताओं संग रंग गुलाल खेलने से घर में धन समृद्धि की वृद्धि होती है। 

तो आइए, देवदर्शन के इस ब्लॉग में रंग पंचमी (rang panchami 2022) कब है? रंग पंचमी का महत्व और शुभ मुहूर्त को विस्तार से जानें। 

शुभ मुहूर्त

वर्ष 2022 में रंग पंचमी 22  मार्च मंगलवार  2022 को पड़ रहा है।  रंगपंचमी का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को प्रातः 6:25 से 23 मार्च प्रातः 4:20 तक है। 

रंग पंचमी महत्व

भारत में रंग पंचमी के पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा जी को रंग चढ़ाया जाता है। इस त्योहार के दिन भक्त नृत्य, संगीत और गीत गाते हैं। माना जाता है कि इस दिन देवताओं को रंगों के प्रयोग से पृथ्वी पर आने के लिए आमंत्रित किया जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा पाठ करने से देवी-देवता भक्‍त को आशीर्वाद देते हैं।

ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक के दिन कामदेव के भस्म हो जाने पर देवलोक में उदासी छा गई थी। तब भगवान शिवजी ने देवताओं की प्रार्थना पर कामदेव के फिर से जीवित होने का आश्वासन दिया तो देवतागण आनंदित हो गए ओर रंगोत्सव मनाने लगे। उसी समय से चैत्र कृष्ण पंचमी तिथि को हर साल रंग पचमी मनाई जाती है।  

रंग पंचमी की पूजा विधि

  • सुबह उठकर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प करें। 
  • व्रत संकल्प लेने के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की तस्वीर को उत्तर दिशा में एक चौकी पर रखें। 
  • एक तांबे के कलश में पानी भरकर रखें और घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें।
  • ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें। 
  • विधिवत पूजन के बाद आरती करें और क्षमा याचना करें और कलश में रखे जल को घर के हर कोने में छिड़कें।
  • जिस स्थान पर तिजोरी या धन रखने की व्यवस्था है, वहां जरूर छिड़कें।
  • फिर भगवान के समक्ष आकर घर पर कृपा दृष्टि बनाए रखने की प्रार्थना करें। 

यदि आप अन्य व्रत-त्योहार, पूजा-पाठ और मंदिरों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो देवदर्शन ऐप ज़रूर डाउनलोड करें। साथ ही इस ब्लॉग को शेयर करना न भूलें।

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