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अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) में पैदा हुए लोग कैसे होते हैं और क्या है इनके सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष

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ब्रह्मांड में उपस्थित कुल 27 नक्षत्रों में से नौवें स्थान पर अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) आता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों की राशि कर्क होती है जिसका स्वामी चंद्रमा है। जबकि अश्लेषा नक्षत्र का स्वामी बुध है। इस नक्षत्र का प्रतीक चिह्न नाग है। जिससे इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर नाग देवता के साथ-साथ चंद्र एवं बुध ग्रह का प्रभाव रहता है। आइए जानते हैं अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की कुछ विशेषताएं।

अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) में पैदा हुए लोगों का व्यक्तित्व एवं स्वभाव

अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोग दिखने में आकर्षक होते है और इन्हें बातचीत करना बहुत पसंद होता है। ये भाषण कला में निपुण होते हैं। ये लोग बहुत ईमानदार होते हैं लेकिन मौका मिलने पर उसका फायदा उठाना भी जानते हैं। कई बार इनकी वाकपटुता के कारण लोग इन पर जल्दी से भरोसा नहीं कर पाते हैं। ये बहुत पक्के मित्र होते हैं और मित्रता निभाने के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। इनका स्वभाव साधारणतया क्रोधित देखा जाता है। ये जल्दी से किसी पर भरोसा नहीं करते तथा किसी भी स्थिति को पहले ही भांप लेते हैं जिससे ये धोखा खाने से बच जाते हैं। बोलने का गुण होने के कारण ये काफी मिलनसार होते हैं तथा अपनी वाकपटुता के माध्यम से अपना काम निकालना जानते हैं।

अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा व कॅरियर

अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) में पैदा हुए लोग अच्छी शिक्षा हासिल करते हैं। ये किसी एक जगह नौकरी करने की बजाए स्वयं का व्यापार करने में ज्यादा दिलचस्प होते हैं। शिक्षा ये हर क्षेत्र में प्राप्त करते हैं, लेकिन अपने कॅरियर का चुनाव कला, अभिनय, साहित्य, संगीत, लेखन, पत्रकारिता पर्यटन, मार्केटिंग इत्यादि में करते है। इसके अलावा कीटनाशक, विष सम्बन्धी व्यवसाय, पेट्रोलियम, रसायन शास्त्र, सिगरेट व तम्बाकू सम्बन्धी व्यवसाय करने में भी ये गहरी रुचि दिखाते हैं।

अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक और वैवाहिक जीवन

अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को परिवार में अपने भाइयों का साथ मिलता है। यदि ये परिवार में सबसे बड़े है, तो पूरी जिम्मेदारी के साथ परिवार का लालन पालन करते हैं। अपनी मधुर वाणी के कारण ये परिवार एवं समाज में अपने अच्छे संबंध स्थापित करते हैं। अपने जीवनसाथी को भी ये अपनी वाणी से मंत्र मुग्ध करके अपने वश में रखते हैं, परंतु उनकी कमियों को अनदेखा करना इनके लिए ज्यादा ठीक होता है। अन्यथा जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद पैदा हो जाते हैं। यदि अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) के अंतिम चरण में जन्म हुआ है तो पारिवारिक एवं वैवाहिक जीवन आनंदित रहता है। कर्क राशि होने के कारण ये लोग कई बार कम बोलते हैं, लेकिन ज्यादा इमोशनल होते हैं।

अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) में पैदा हुए लोगों की जीवनशैली

अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोग अनेक प्रकार से धनोपार्जन करते हैं। जिससे उनकी जीवनशैली अच्छी रहती है और ये सभी प्रकार के सुख भोगते हैं। ये बुद्धिमान होते हैं इसलिए धन को व्यर्थ नहीं गंवाते, बल्कि धन से धन को पैदा करना जानते हैं। ये अपने परिवार को एक अच्छा लाइफस्टाइल देते हैं। बुध की कृपा इन पर जीवन पर्यंत बनी रहती है, जिससे इन्हें धन प्राप्त करने में समस्याएं नहीं होती। ये मौकापरस्त होते हैं, परंतु कई बार अपने क्रोधी और हठी स्वभाव के कारण मौकों को गंवा भी देते हैं जिससे इन्हें हानि भी उठानी पड़ती है।

अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का नकारात्मक पक्ष

अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) में पैदा हुए लोगों को कई बार इनका अत्यधिक बोलना भारी पड़ जाता है। कई बार ये अपना विश्वास दूसरे लोगों पर से खो देते हैं जिससे समाज और परिवार में लोग इनसे दूरी बनाना पसंद करते हैं। कभी-कभी ये उन व्यक्तियों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करना भूल जाते हैं जिन्होंने इनकी कभी मदद की थी। ऐसी स्थिति में इनके संबंध खराब हो जाते हैं। क्रोध भी कई बार इनके बनते काम बिगाड़ देता है। कुंडली में बुध और चंद्रमा की खराब स्थिति से ये कई बार गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं तथा कई प्रकार के व्यसनों और कुकर्मों में लिप्त हो जाते हैं।

अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) में पैदा हुए लोगों को बरतने वाली सावधानियां एवं उपाय

अपनी मधुर वाणी से सभी को प्रभावित करने वाले अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को हमेशा दूसरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। इन्हें विश्वासघात से दूर रहना चाहिए तथा अपने क्रोध पर काबू रखना चाहिए। इन्हें चमेली के पौधे लगाने चाहिए और नाग देवता से प्रार्थना करनी चाहिए, क्योंकि इस ग्रह का प्रतीक चिह्न नाग है। अश्लेषा नक्षत्र (ashlesha nakshatra) में पैदा हुए लोगों को अपनी कुंडली में बुध और चंद्र ग्रह की स्थिति को देखकर उसके दोषों का निवारण अवश्य करना चाहिए। यदि इन ग्रहों की स्थिति अच्छी नहीं है, तो आप

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