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जानिए पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोगों का स्वभाव, शिक्षा और कॅरियर की जानकारी यहां

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ब्रह्मांड में उपस्थित कुल 27 नक्षत्रों में से 20वें स्थान पर आता है पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र। (purvashada nakshatra) इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह है और इस नक्षत्र के चारों चरणों में जन्म लेने वाले लोगों की राशि धनु होती है जिसका स्वामी गुरु ग्रह है। अतः इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर जीवन पर्यंत शुक्र ग्रह एवं गुरु ग्रह का प्रभाव देखने को मिलता है। इस नक्षत्र का वृक्ष अशोक का पेड़ है। आइए जानते हैं कैसे होते हैं पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोग।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोगों का व्यक्तित्व एवं स्वभाव

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का स्वभाव विनम्र एवं खुशमिजाज होता है। ये लोग बहुत ही जल्दी दूसरे लोगों में घुलमिल जाते हैं। इनकी हाजिर जवाबी एवं विनम्रता के कारण सभी लोग इन्हें पसंद करते हैं और ये भीड़ में अपना अलग स्थान बनाते हैं। कई बार ये किसी चीज का निष्कर्ष बहुत जल्दी निकाल लेते हैं और गलतफहमी का भी शिकार हो जाते हैं। इन्हें पराजय स्वीकार नहीं होती इसलिए ये किसी भी तरह से सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। इस नक्षत्र पर पैदा हुए लोगों पर शुक्र देव की कृपा होने के कारण दिखने में आकर्षक होते हैं। जीवन में आने वाली विघ्न एवं बाधाओं से ये कभी नहीं डरते और उनका डटकर सामना करते हैं। ये काफी ईमानदार होते हैं इसलिए इन पर सभी भरोसा करते हैं। धनु राशि अग्नि तत्व की राशि है, इसलिए कई बार ये बेहद गुस्सा हो जाते हैं।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोगों की शिक्षा व कॅरियर

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा अच्छी होती है। गुरु एवं शुक्र ग्रह का प्रभाव होने के कारण ये लोग शिक्षा में गहरी रुचि रखते हैं। चिकित्सा, योग, वाणिज्य और धार्मिक अध्ययनों में ये उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। शुक्र ग्रह की कृपा होने के कारण कला एवं अभिनय में इनकी गहरी रुचि होती है जिससे इस क्षेत्र में भी ये अच्छा नाम कमाते हैं। ये अपना करियर नौसेना, जीव विज्ञान, मत्स्यपालन, नृत्य, थिएटर, गायन, मनोचिकित्सा, दर्शन शास्त्र, कवि, लेखन, चित्रकला, फ़ैशन डिज़ाइनिंग और होटल से जुड़े कार्य आदि में बनाते है और इसमें अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक एवं वैवाहिक जीवन

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक जीवन ठीक-ठाक व्यतीत होता है। ये अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा अपने जन्म स्थान से दूर ही बिताते हैं। इन्हें अपने माता-पिता से अधिक लाभ नहीं मिलता। हालांकि ये अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं और सदैव उनकी परवाह करते हैं एवं जिम्मेदारी उठाते हैं। परंतु यह देखा गया है कि इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का झुकाव अपने ससुराल पक्ष की ओर अधिक होता है। इनके विवाह में कुछ देरी संभव हो सकती है लेकिन इनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। अपने माता-पिता की अपेक्षा अपने जीवनसाथी के साथ इनके संबंध ज्यादा मधुर होते हैं। संतान पक्ष की ओर से भी ये काफी भाग्यशाली होते हैं और इनकी संतान आज्ञाकारी होती हैं।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोगों की जीवन शैली

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर जीवन पर्यंत शुक्र और गुरु ग्रह का प्रभाव रहता है, इसलिए इनकी जीवन शैली काफी अच्छी होती है। यदि शुक्र ग्रह की कृपा इन पर बरसती है तो इन्हें पूरे भौतिक सुख प्राप्त होते हैं। वाहन, भवन, संपत्ति में कभी कमी नहीं रहती। साथ ही गुरु ग्रह की कृपा से ये उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। अतः समाज में अच्छा नाम कमाते हैं जिससे इनका सामाजिक दायरा भी बड़ा होता है। ये स्वयं को और अपने परिवार को एक लग्जरी जीवन देने के काबिल होते हैं। परंतु कुंडली में शुक्र या गुरु ग्रह यदि दोष ग्रस्त हैं तो इन्हें धन एवं मानहानि का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही जीवन में काफी कठिनाइयां भोगनी पड़ती हैं। इनके कार्य में देरी होती चली जाती है और जीवन शैली सामान्य हो जाती है।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोगों के नकारात्मक पक्ष

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की जल्दी निष्कर्ष पर पहुंचने की आदत इन्हें कई बार बहुत नुकसान पहुंचाती है। जल्दी निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद ये अधिक सोच सोच कर अपने मन में गलतफहमियां पैदा कर लेते हैं जिससे इनके संबंध खराब हो जाते हैं। जिससे इन्हें अपने कार्य में नुकसान भी उठाना पड़ता है। यदि कुंडली में शुक्र एवं गुरु ग्रह की स्थिति खराब है तो भी इन्हें धन एवं मानहानि झेलनी पड़ती है। कई बार ये अपना धैर्य खो बैठते हैं और जल्दबाजी में गलत निर्णय ले लेते हैं। ससुराल पक्ष की ओर अधिक झुकाव होने के कारण कई बार इनके माता-पिता के साथ संबंध खराब हो जाते हैं जिससे इनकी सामाजिक छवि खराब होती है।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (purvashada nakshatra) में पैदा हुए लोगों को बरतने वाली सावधानियां एवं उपाय

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को धैर्यवान होना चाहिए। इन्हें सदैव अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। इन्हें अधिक सोचकर जल्दबाजी में कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष अशोक का पेड़ है, इसलिए इन्हें अशोक के वृक्ष के दर्शन कर उसके समक्ष हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी चाहिए। अपने गुरुदेव का सदैव सम्मान करना चाहिए और अपनी कुंडली में शुक्र एवं गुरु ग्रह के दोषों का निवारण करवाना चाहिए।

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