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सुहाग के प्रतीक उत्सव करवा चौथ (karwa chauth 2022) की व्रत कथा और आपके क्षेत्र में चंद्रोदय (चांद निकलने) का समय

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करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। करवाचौथ यानी करवा और चौथ। चतुर्थी तिथि को होने वाली इस पूजा में मिट्टी के बरतन यानी करवे का बहुत महत्व है। पति-पत्नी के बीच परस्पर प्रेम और विश्वास को बढ़ाने वाला करवा चौथ (karwa chauth 2022) इस वर्ष गुरुवार, 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

करवा चौथ 2022 पूजा मुहूर्त (karwa chauth 2022 kab hai)

करवा चौथ तिथि : गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022
करवा चौथ पूजा मुहूर्त : शाम 5 बजकर 54 मिनट से शाम 7 बजकर 9 मिनट तक
अवधि- 1 घंटा 15 मिनट
करवा चौथ उपवास समय : सुबह 6 बजकर 20 मिनट से शाम आठ बजकर 9 मिनट तक
अवधि- 13 घंटे 49 मिन

चतुर्थी तिथि शुरू: 13 अक्टूबर, 2022 को पूर्वाह्न 01:59 से
चतुर्थी तिथि समाप्त : 14 अक्टूबर को पूर्वाह्न 03:08 तक

करवा चौथ (karwa chauth ) की मान्यताएं

करवा चौथ के दिन शिव परिवार की पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बहुत श्रद्धा से भगवान शिव, देवी पार्वती, गणेश एवं कार्तिकेय की पूजा करती है। शिव-पार्वती से अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी अत्यधिक महत्व है। पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है। चंद्रमा मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे संबंध मजबूत होते हैं। शिव की जटा का भूषण चंद्रमा दीर्घायु का प्रतीक भी माना गया है। आगे जानिए करवा चौथ (karwa chauth 2022) किस शहर में कब निकलेगा चंद्रमा।

करवा चौथ की (karwa chauth) पूजा की विधि

इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखती है। सूर्योदय से चंद्रोदय तक कई महिलाएं पानी भी नहीं पीती है। करवा चौथ (karwa chauth) की पूजा के लिए मिट्टी की वेदी बनाई जाती है। फिर शिव परिवार के साथ चंद्रमा को भी स्थापित करके पूजा की जाती है। उसके बाद करवा चौथ की कथा सुनी जाती है। पंजाब सहित कई जगहों पर चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखने की भी परंपरा है। पति के हाथ से पानी पीकर इस व्रत को खोलने के पीछे यही उद्देश्य रहता है कि इससे आपसी समझ और साझेदारी बढ़े। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में परिवार की परंपरा के अनुसार सामान रखकर सास को भेंट देकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

करवा चौथ व्रत कथा (karwa chauth vrat katha)

एक राज्य में एक साहुकार था। उसकी एक बेटी थी और सात बेटे। एक बार करवा चौथ आने पर उसके सातों बेटों की पत्नियों ने व्रत रखा। बेटी ने भी यह व्रत रखा लेकिन भूख-प्यास से बेहाल हो गई। वह चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना खाना नहीं खाना चाहती थी। उसके भाइयों ने दीपक जलाकर छलनी में उसकी परछाई दिखाकर बहन को बोला कि चंद्रमा निकल गया है। बहन ने भाइयों पर विश्वास किया और उसे ही चंद्रमा समझ अर्घ्य दे दिया। अधूरी पूजा से गणेशजी क्रोधित हो गए। इससे बहन का पति गंभीर बीमार हो गया। साहुकार की पुत्री को जब दोष का पता चला, तो उसने गणेशजी से क्षमा मांगी और पूरे साल चतुर्थी व्रत करने और करवा चौथ को ठीक से करने का संकल्प लिया। इसके बाद गणेशजी प्रसन्न हुए और वह सुखपूर्वक अपने पति के साथ रहने लगी।

हालांकि अलग-अलग क्षेत्रों में करवा चौथ (karwa chauth vrat katha) की अलग-अलग कहानियां प्रचलित हैं। ऐसे में आप अपने क्षेत्र के अनुसार कहानी भी पढ़ या सुन सकते हैं।

करवा चौथ 2022 (karwa chauth 2022 moonrise) पर चंद्रोदय का समय

नई दिल्ली – 8.06 पीएम
अहमदाबाद- 08.41 पीएम
अमृतसर- 08.12 पीएम
इंदौर- 08.28 पीएम
जयपुर- 08.19 पीएम
लखनऊ- 07.58 पीएम
मुंबई – 08.48 पीएम
पुणे – 08.45 पीएम
रांची – 07.48 पीएम
पटना – 07.44 पीएम

इन शहरों के आसपास रहने वाले लोग करवा चौथ (karwa chauth 2022) पर चंद्रोदय का समय इस आधार पर अनुमान लगा सकते हैं।

 

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