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मोहिनी एकादशी व्रत (Mohini Ekadashi 2022) की विधि और इसका महत्व, जानिए इस व्रत को करने से क्या मिलेंगे लाभ

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हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व है। हिंदू महीने वैशाख के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (mohini ekadashi 2022) कहा जाता है। इस व्रत को करने वाले मनुष्य को हजारों गायों के दान का पुण्य प्राप्त होता है। वहीं इस व्रत के करने से बुरे कर्म भी दूर होते हैं। भगवान विष्णु को यह तिथि अत्यंत प्रिय है। माना जाता है कि वैशाख महीने की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था। जानते हैं मोहिनी एकादशी व्रत की विशेषता, पूजा मुहूर्त और व्रत करने की विशेष विधि के बारे में-

कब है मोहिनी एकादशी 2022 तिथि (mohini ekadashi 2022)

मोहिनी एकादशी (mohini ekadashi 2022) वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष के 11वें दिन मनाई जाएगी। यह महीना अप्रैल या मई के दौरान आता है। इस साल मोहिनी एकादशी 12 मई को मनाई जाएगी।

मोहिनी एकादशी: 12 मई, 2022, गुरुवार

13 मई को पारण का समय: सुबह 05:32 बजे से शाम 08:14 बजे तक

एकादशी तिथि प्रारंभ: 11 मई, 2022, शाम 07:31 बजे

एकादशी तिथि समाप्त: 12 मई 2022, शाम 06:51 बजे

क्या है मोहिनी एकादशी (mohini ekadashi 2022) का महत्व

मोहिनी एकादशी व्रत की महिमा स्वयं भगवान कृष्ण और भगवान राम ने बताई है। मोहिनी एकादशी (mohini ekadashi 2022) को पूरी निष्ठा से करने से अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत के करने से मनुष्य पुराने किए पापों से भी मुक्त हो सकता है। मोहिनी एकादशी का व्रत इसलिए भी करना जरूरी है, ताकि किसी तरह के मोह बंधन में नहीं रहें। भगवान श्री राम के गुरु श्री वशिष्ठजी ने भी मोहिनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के कहने पर स्वयं महाराज युधिष्ठर ने भी मोहिनी एकादशी का पुण्य व्रत किया था। मोहिनी एकदशी व्रत के दो दिन बाद नरसिंह जयंती मनाई जाती है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने वालों को नरसिंह जयंती पर भी विशेष पूजा का लाभ जरूर लेना चाहिए।

मोहिनी एकादशी पर जानिए भगवान के मोहिनी रूप की कथा

पुराणों की कहानियों के अनुसार मोहिनी एकादशी पर ही भगवान विष्णु मोहिनी रूप में प्रकट हुए थे। कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन में अमृत प्राप्त हुआ। तब देवों और असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया। दोनों ही इसे प्राप्त करने के लिए आतुर नजर आए। तब भगवान विष्णु ने अत्यंत खूबसूरत महिला का रूप लेकर दैत्यों को आकर्षित किया। दैत्य मोहिनी के आकर्षण में बंधे रहे, तब तक देवताओं ने अमृत पी लिया। इस तरह मोहिनी ने संपूर्ण जगह में फिर से धर्म की स्थापना की। मोहिनी के रूप की एक ओर चर्चा शिवपुराण में भी होती है। उस अनुसार भस्मासुर जब शिव से वरदान प्राप्त करके शिव को ही भस्म करने गया, तब विष्णु ने मोहिनी रूप लेकर भस्मासुर को भस्म करवा दिया। मोहिनी एकादशी (mohini ekadashi 2022) पर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए कहानी सुनना और सुनाना चाहिए।

 मोहिनी एकादशी (mohini ekadashi) व्रत की कथा

एक समय सरस्वती नदी के तट पर भद्रावती क्षेत्र में राजा धृतिमान राज करता था। वे परम विष्णु भक्त थे। उनके पांच पुत्र थे, लेकिन पांचवां पुत्र धृष्टबुद्धि गलत राह पर था। वह महिलाओं का अपमान करता। मांस-मदीरा का सेवन करता। राज्य के लोगों को नुकसान पहुंचा था। राजा ने इस पुत्र को राज्य से निकाल दिया। जब उसके पास कुछ नहीं बचा, तो वह भूख-प्यास से व्याकुल होकर ऋषि कौंडिन्य के पास पहुंचा। ऋषि कौंडिन्य से उसे एकादशी व्रत के बारे में बताया। उस व्रत को करने से वह बुद्धिमान हो गया और जीवनभर उस व्रत को करके वह मोक्ष को प्राप्त हो गया। मोहिनी एकादशी mohini ekadashi 2022) पर व्रत कथा जरूर पढ़कर भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए।

कैसे करें इस साल मोहिनी एकादशी पर पूजा (Mohini Ekadashi 2022 puja vidhi)

– व्रत से एक दिन पहले खाना छोड़ दें।
– एकादशी के दिन जल्दी उठकर स्नान करके भगवान विष्णु के चित्र या मूर्ति के समक्ष व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
– व्रत पूजा के दौरान सबसे पहले श्री गणेश को प्रणाम करें
– अब भगवान विष्णु का आह्वान करें और उन्हें फल, फूल, नेवैद्य और पीतांबर समर्पित करें।
– भगवान विष्णु के किसी भी एक मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
– इस दिन अपनी बुरी आदतों से दूर रहें।
– झूठ नहीं बोलें। मांस-मदिरा से दूर रहें।
– शाम के समय भगवान की आरती करें और भजन गाकर भगवान को प्रसन्न करें।
– दिन में भूख लगने पर व्रत आहार यानी केवल फलाहार ले सकते हैं।
– जरूरतमंदों को दान दें।
– मोहिनी एकादशी 2022 (Mohini Ekadashi 2022) के अगले दिन पारण जरूर करें।

 

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