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श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोग कैसे होते हैं और क्या है इनके सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष।

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ब्रह्मांड में उपस्थित कुल 27 नक्षत्रों में से 22वें स्थान पर श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) आता है। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्र ग्रह है और इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की राशि मकर होती है, जिसका स्वामी शनि है। इसलिए इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर जीवन पर्यंत चंद्र एवं शनि ग्रह का प्रभाव देखने को मिलता है। सभी नक्षत्रों के अपने वृक्ष होते हैं। उसी प्रकार श्रवण नक्षत्र का वृक्ष ‘अकवन का पेड़’ है। यह नक्षत्र काफी शुभ माना गया है। आइए जानते हैं कैसे होते हैं श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोग।

श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोगों का व्यक्तित्व एवं स्वभाव

श्रवण नक्षत्र में पैदा हुए लोग काफी सिद्धांतवादी होते हैं। शनि ग्रह का प्रभाव होने के कारण ये स्पष्टवादी भी होते हैं। इन्हें सलीके से रहना अच्छा लगता है तथा बेरंग तरीके से रहने वाले लोगों को ये टोकने में भी संकोच नहीं करते हैं। ये धार्मिक होते हैं और ईश्वर में आस्था रखते हैं। ये दयालु एवं नि:स्वार्थ होते हैं तथा सभी की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। ये अच्छे सलाहकार होते हैं और समाज में इनका दायरा काफी अच्छा होता है। कई बार दूसरों पर अधिक भरोसा करने से ये झूठ फरेब का शिकार हो जाते हैं जिससे इन्हें हानि भी उठानी पड़ती है। ये स्वस्थ हष्ट पुष्ट एवं दिखने में काफी आकर्षक होते हैं।

श्रवण नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा व कॅरियर

श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोग अनेक विषयों और विभागों में शिक्षा प्राप्त करते हैं। ये लोग कला, वाणिज्य, विज्ञान के अलावा अध्यात्म एवं चिकित्सा के क्षेत्र में भी उच्च शिक्षा हासिल करते हैं। इन्हें शिक्षा के लिए अपने जन्म स्थान से दूर जाना पड़ सकता है। सभी विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर ये अपना कॅरियर बनाते हैं। ये कुछ समय तक तो नौकरी करना पसंद करते हैं लेकिन बाद में स्वयं के व्यापार को शुरू करने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं। 30 की उम्र के बाद इनके जीवन में स्थिरता आती है। ये तकनीकी कार्य, इंजीनियरिंग, अध्यापक, प्रशिक्षक, उपदेशक, शोधकर्ता, कथा वाचक, संगीत व फिल्मों से जुड़े कार्य, समाचार वाचक, सलाहकार, मनोचिकित्सक, ट्रैवल एजेंट, पर्यटन से जुड़े कार्य, होटल या रेस्त्राँ कर्मचारी, समाजसेवा से जुड़े कार्य आदि क्षेत्रों में अपना कैरियर बना सकते हैं और एक अच्छा जीवनयापन कर सकते हैं।

श्रवण नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन

श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोग बहुत पारिवारिक होते हैं। इन्हें अपने परिवार से बहुत ज्यादा लगाव होता है। हालांकि कभी-कभी माता-पिता से इनके वैचारिक मतभेद हो जाते हैं परंतु ये जल्दी ही अपने मतभेदों को भुलाकर अपने रिश्ते को अच्छा कर लेते हैं। इनका वैवाहिक जीवन बहुत शानदार होता है। अपने जीवनसाथी के साथ इनके विचार बहुत अच्छे मिलते हैं। जीवनसाथी भी इनकी अनुपस्थिति में परिवार का पूरा ध्यान रखता है। संतान पक्ष के क्षेत्र में भी ये लोग काफी सौभाग्यशाली होते हैं। इनकी संतान इन्हें हमेशा सम्मान देती है और उच्च शिक्षा प्राप्त करती है। श्रवण नक्षत्र में पैदा हुए लोग शिव भक्त भी होते हैं। शिव का प्रिय महीना सावन (श्रावण) इसी नक्षत्र के नाम पर रखा गया है।

श्रवण नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की जीवन शैली

श्रवण नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर शनि ग्रह एवं चंद्र ग्रह का प्रभाव होता है। जब ये ग्रह अपनी कृपा बरसाते हैं तो इन्हें छप्पर फाड़ के लाभ प्राप्त होता है। ये नौकरी, व्यापार के अलावा धार्मिक कार्य एवं पूजा पाठ से भी अच्छा धन कमाते हैं। आर्थिक रूप से इनकी स्थिति ठीक-ठाक होती है। जिससे ये अपने परिवार को एक अच्छा जीवन प्रदान करते हैं। इनके पास भूमि, भवन, वाहन आदि सभी सुख मौजूद होते हैं। परंतु इसके लिए इनकी कुंडली में ग्रहों की दशा का अच्छा होना भी आवश्यक है। अन्यथा कई बार इनकी जीवनशैली सामान्य स्तर से नीचे देखी गई है।

श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोगों का नकारात्मक पक्ष

श्रवण नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की कुंडली में यदि शनि और चंद्र की स्थिति ठीक नहीं है तो ये लोग क्रोधी, कंजूस, आलसी, भयभीत, शंकालु प्रवृत्ति के हो सकते हैं। ये जीवन में कुछ नहीं कर पाते और इनके जीवन में कभी भी स्थिरता नहीं आ पाती। इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को दूसरों पर अधिक भरोसा भी नहीं करना चाहिए। इससे लोग इनका फायदा उठा लेते हैं। कई बार ये नशे एवं व्यसनों के आदी हो जाते हैं जिससे उनका पारिवारिक जीवन कष्टप्रद रहता है।

श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोगों को बरतने वाली सावधानियां एवं उपाय

श्रवण नक्षत्र (shravana nakshatra) में पैदा हुए लोगों को हनुमान जी की आराधना करना अत्यंत फलदाई होता है। इन्हें अपनी कुंडली में शनि एवं चंद्र के दोषों का भी निवारण करवाना चाहिए। इस नक्षत्र का वृक्ष अकवन का पेड़ है। इसलिए इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को अकवन के पेड़ उगाने चाहिए और शनिवार के दिन शनि देवता को तेल चढ़ाकर उनसे प्रार्थना करनी चाहिए।

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