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रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek puja) से पाएं जीवन में ज्यादा लाभ

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रुद्र यानी शिव। वेदों में भगवान शिव को रुद्र कहा गया है। माना जाता है रुतम दु:खम द्रावयति नाशयतीतिरुद्र अर्थात्‌ भगवान रुद्र यानी कि शिव सभी दु:खों को दूर कर देते हैं और वे परम कल्याणकारी है। वैसे तो भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन उन्हें तुरंत प्रसन्न करके उनसे मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वेदों और पुराणो में रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek puja) को सबसे श्रेष्ठ बताया गया है। रुद्राभिषेक पूजा के कई लाभ है। यजुर्वेदिय पद्घति से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इससे सभी ग्रह बाधाएं भी दूर हो जाती है। महाशिवरात्रि या किसी भी पवित्र दिन यदि आप रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek puja) करते हैं या करवाते हैं, तो निश्चित ही आपको मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। यहीं नहीं आपकी रक्षा के लिए महादेव सदैव आपके आसपास रहते हैं।

 

आप कब करें रुद्राभिषेक पूजा (When to perform Rudrabhishek Puja)

भगवान शिव की उपासना के लिए सभी दिन पवित्र है और श्रेष्ठ फलदायक है। फिर भी अपने जीवन से दु:ख दूर करने करने के लिए किसी भी सोमवार, अपने जन्मदिन, अपनी विवाह की वर्षगाँठ सहित अन्य शुभ अवसर पर रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek puja) करवाना श्रेष्ठ रहता है। वहीं शिव पुराण के अनुसार किसी महीने के किसी भी सोमवार के अलावा, पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी, त्रयोदशी, पंचमी, षष्ठी, नवमी, द्वितीया के साथ  कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, चतुर्थी, पंचमी, अष्टमी, एकादशी को (Rudrabhishek puja) करवाना श्रेष्ठ रहता है।

 

रुद्राभिषेक पूजा कहां करवाएं 

रुद्राभिषेक पूजा कहीं भी करवाई जा सकती है, लेकिन रुद्राभिषेक पूजा का ज्यादा फायदा सिद्ध शिव मंदिरों में प्राप्त होता है। ज्योतिर्लिंग मंदिरों के अलावा उन मंदिरों में जहां मूर्तियों की स्थापना प्राण प्रतिष्ठा के जरिए हुई है,वहां रुद्राभिषेक पूजा करने या करवाने का लाभ तुरंत प्राप्त हो जाता है। आप स्वयं उपस्थित होकर या किसी योग्य पंडित के द्वारा रुद्राभिषेक पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आपके घर में सिद्ध शिवलिंग है, तो आप वहां भी रुद्राभिषेक पूजा कर सकते हैं।

 

रुद्राभिषेक पूजा के लाभ (Rudrabhishek puja benefits) 

भगवान शिव की किसी भी तरह की पूजा हमेशा लाभ दायक ही होती है। यदि आप किसी विशेष शिव मंदिर में रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek puja)  करवा रहे हैं, तो  रुद्राभिषेक पूजा के लाभ (Rudrabhishek puja benefits) आपको जरूर प्राप्त होंगे। शिवपुराण में भगवान रुद्र के अभिषेक का बड़ा महत्व बताया गया है। शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव का रुद्राभिषेक अलग-अलग द्रव्यों से करने से अलग तरह के लाभ मिलते हैं।

– गंगाजल से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से सभी दु:खों से छुटकारा मिलता है।

– सामान्य जल से भगवान शिव का रुद्राभिषेक बीमारियों से बचाता है।

– दूध से भगवान शिव का अभिषेक करने से आर्थिक उन्नति प्राप्त होती है।

– पंचामृत से शिव का रुद्राभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

– गन्ने के रस से भगवान शिव का रुद्राभिषेक धन वृद्धि में सहायक होता है।

– सामान्य जल में इत्र मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से कीर्ति मिलती है।

– शहद से भगवान शिव का रुद्राभिषेक रुपए-पैसों की परेशानी को दूर करता है।

– घी से रुद्राभिषेक करने से व्यापार में उन्नति मिलती है।

 

किन वस्तुओं से होता है रुद्राभिषेक (Rudrabhishek Puja samagri)

भगवान शिव इतने सहज और सरल है कि पेड़ों की पत्तियां या फूलों की पंखुड़ी चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। Rudrabhishek Puja प्राचीन यजुर्वेदिय पद्धति के अनुसार एक अत्यंत श्रेष्ठ फलदायक पूजा है। इसका लाभ लेने के लिए इसे किसी योग्य पंडित के जरिए ही करवाना चाहिए। स्वयं शिव जहां मौजूद है, वहां रुद्राभिषेक पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, कपूर, बेलपत्र, दूध, शहद, फल, नारियल, चंदन, शुद्धजल, गंगाजल, सुपारी, गुलाबजल का प्रयोग रुद्राभिषेक में किया जाता है। रुद्राभिषेक में सबसे महत्वपूर्ण है कि पाठ के दौरान भगवान शिव पर लगातार जलधारा चलती रहना चाहिए। ऐसे में एक बड़े घड़े में छेद करके भगवान शिव पर लगातार जलधारा प्रवाहित की जाती है।

 

रुद्राभिषेक पाठ के दौरान क्या करें

भगवान शिव का रुद्राभिषेक पाठ यजुर्वेदिय पद्धति से किया जाने वाला विशेष पाठ है। यदि आप इस पाठ का सही उच्चारण जानते हैं कि तो पूजा के दौरान रुद्राभिषेक में उपयोग मे लिए जा रहे मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं। यदि आप इन मंत्रों को नहीं जानते हैं कि तो सामान्य पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का लगातार जाप करते रहने से मन प्रसन्न होता है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। रुद्राभिषेक पाठ के दौरान भगवान शिव से मन की इच्छा भी व्यक्त करते रहना चाहिए।

 

रुद्राभिषेक पूजा में सभी देवी-देवताओं की पूजा

भारतीय संस्कृति और वैदिक रीति से की जाने वाली रुद्राभिषेक पूजा की विधि सबसे महत्वपूर्ण है। इस पूजा में भगवान सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसके बाद माता गौरी की पूजा की जाती है। मातृका पूजा और नवग्रह पूजा के मंत्रों के बाद भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए रुद्रपाठ किया जाता है। ऐसा करने से लगभग सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद पूजा कराने वाले को प्राप्त होता है।

 

रुद्राभिषेक के दौरान किन भगवान का आह्वान

रुद्राभिषेक पूजा विधि (Rudrabhishek puja vidhi) एक महत्वपूर्ण पूजा है। इस पूजा के दौरान आपको कई देवी देवताओं का आह्वान कर आमंत्रित करना पड़ता है। सबसे पहले भगवान श्रीगणेश का आह्वान कर उन्हें आमंत्रित करते हैं, इसके बाद माता पार्वती, नौ ग्रह, पृथ्वी माता, ब्रह्मदेव, माता लक्ष्मी, अग्निदेव, सूर्यदेव और गंगा मैया की विशेष पूजा होती है। साथ ही इनके विराजमान होने के लिए आसन भी लगाएं। आमंत्रित किए गए सभी देवताओं की रोली-अक्षत और फूल चढ़ाकर उनकी स्तुति की जाती है, फिर रुद्राभिषेक किया जाता है।

 

DevDarshan से क्यों करवाएँ रुद्राभिषेक पूजा

देवदर्शन आपको भारत के सिद्ध शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक पूजा का अवसर देता है। आपको यदि रुद्राभिषेक पूजा का पूरा लाभ (rudrabhishek puja advantages) चाहिए, तो आपको किसी विशेष शिव मंदिर में वैदिक पंडित से ही इस पूजा को करवाना चाहिए। देवदर्शन आपको यही लाभ दे रहा है। हमारी कोशिश रहती है कि आपको भगवान शिव की इस पूजा का पूरा लाभ मिलें और आपको मनोवांछित फल प्राप्त हो। ज्योतिर्लिंग या सिद्ध शिव मंदिरों के आचार्य आपकी पूजा को पूरी करवाएंगे। ये आचार्य वैदिक पद्धति से रुद्राभिषेक पूजा करवाने में निपुण है और इनकी ओर से करवाई पूजा का लाभ जरूर मिलता है।

 

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