festivals

हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) कब है, क्या है तीज की व्रत विधि और व्रत कथा, जानिए यहां

Pinterest LinkedIn Tumblr

हरियाली तीज (hariyali teej 2022) श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से हरियाली तीज जुलाई या अगस्त के महीने में आती है। सावन में जब वातावरण बहुत सुहावना होता है और प्रकृति का दृश्य बहुत मनोरम होता है, तब प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेती हुई महिलाएं व युवतियां हरियाली तीज उत्सव मनाती है। हरियाली तीज महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है। अपने घर में सुख, शांति और पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं यह व्रत रखती हैं। लोक गीत गाए जाते हैं, कई जगह मेले आयोजित होते हैं और माता पार्वती की धूमधाम से सवारी निकाली जाती है। इसे सौंदर्य और प्रेम का उत्सव कहा जाता है जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष में मनाया जाता है। जानते हैं hariyali teej 2022 कब है और इसकी कथा क्या है? कैसे रखना है हरियाली तीज व्रत-

हरियाली तीज 2022 कब है ? (hariyali teej 2022 kab hai)

सौंदर्य और प्रेम का उत्सव हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।
इस वर्ष यह पर्व जुलाई 31, 2022 रविवार के दिन है।
जुलाई 31, 2022 को 03:01 बजे से तृतीया आरंभ होगी।
और अगस्त 01, 2022 को 04:20 पर समाप्त होगी।

हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) व्रत कैसे करें?

हिंदू धर्म ग्रंथ शिव महापुराण के अनुसार हरियाली तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और सुहागिन स्त्रियों को अचल सुहाग की प्राप्ति होती है। इसलिए सुहागिन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज व्रत की बड़ी महिमा है।
हरियाली तीज की (Hariyali Teej 2022) व्रत करने की परंपरा के अनुसार इस दिन प्रात काल उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए तथा मन में व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद साफ मिट्टी में गंगा जल मिलाकर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा बनानी चाहिए। यदि गंगाजल नहीं है, तो किसी शुद्ध नदी या तालाब, कुएं आदि का जल ले सकते हैं। इसके बाद सभी महिलाओं को एक थाली में अपने सुहाग की सामग्रियों को एकत्रित करके माता पार्वती को अर्पण करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को वस्त्र एवं भोग अर्पण करना चाहिए। इस प्रक्रिया के बाद सभी आराध्य देवी-देवताओं की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए और हरियाली तीज की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए।

हरियाली तीज (Hariyali Teej) का महत्व

हिंदू धर्म में हर पर्व व्रत एवं पूजन का अपना विशेष महत्व है। हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) के मौके पर लड़कियों को अपने ससुराल से पीहर बुला लिया जाता है। हरियाली तीज से एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है। इस दौरान माता-पिता द्वारा अपनी विवाहित बेटी और उसके ससुराल वालों को उपहार दिया जाता है। इससे आपस में पारिवारिक मेल-मिलाप बढता है और आपसी संबंध अच्छे होते है।

इस दिन महिलाएं सुबह स्नान करके, नए वस्त्र धारण करके श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं। हाथों में मेहंदी सुहाग का प्रतीक होता है। फिर महिलाएं झूले झूलती हैं एवं लोकगीत गाकर नाचती गाती हैं तथा अपने घर में बड़ों से आशीर्वाद लेती हैं। उसके बाद देवी देवताओं की पूजा की जाती है तथा भगवान शिव और पार्वती की आराधना से आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे विवाहित स्त्री सौभाग्यवती रहती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इसलिए सौंदर्य एवं प्रेम के रूप में हरियाली तीज (Hariyali Teej) का एक विशेष महत्व है।

हरियाली तीज (Hariyali Teej) की व्रत कथा

हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया और 108वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लेने के बाद उनकी यह मनोकामना पूर्ण हुई। इस प्रकार भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए 108 जन्मों तक कठोर तप व व्रत करने के बाद भगवान शिव माता पार्वती से प्रसन्न हुए और उन्होंने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

पर्वतराज हिमालय ने भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न कराया। माना जाता है कि यह सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि थी यानी यह हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) का दिन था और इस दिन माता पार्वती का उपवास पूरा हुआ। इसलिए ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती इस दिन सभी सुहागिन महिलाओं को उनके पति की लंबी आयु होने का आशीर्वाद देते हैं।

देवदर्शन पर करिए भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के विशेष दर्शन। यहां आप शिव रुद्राभिषेक पूजा में भाग लेकर अपने सभी मनचाहे कार्यों को पूरा कर सकते हैं। अभी डाउनलोड करिए, देवदर्शन ऐप।